किसानों के वेश मे दिल्ली पर टूलकिटिया गैंग आक्रमण करने की प्रयोजित तैयारी मे हैं
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
ध्यान से समझियेगा!!
रामजी की प्राणप्रतिष्ठा के बाद जिस तरह देश राम मय हो गया है…ऊपर काशी विश्वनाथ को लेकर सर्वे रिपोर्ट से जिस तरह हरे टिड्डों की पोल खुली है…वो सनातन और राष्ट्रवाद के शत्रुओं को फूटी आँख भी नही देखा जा रहा है…..फिर क्या है…मदरसे,मिशनरी और लाल सलाम के बिलबिलाते जीव अपने आकाओं के इशारे पर हल्द्वानी को जला डाला…अब खालिस्तानी,हरे टिड्डे और नक्सली एक बार फिर किसान के वेश मे दिल्ली पर टूलकिटिया आक्रमण करने की प्रयोजित तैयारी मे हैं….यह हिंसक भी हो सकता है!
दरअसल मोदी की हैट्रिक को समझ कर जयचंदो और मीरजाफरो का पूरा कबीला बुरी तरह से बौरा गया है….विशेष कर हरे टिड्डे,माओ और चेग्वेरा की औलादों के साथ तड़पती फिरंगन का कबीला!
पहले भी कह चुका हूं…पुन: कह रहा हूं कि ये लोग इस बार मोदी को रोकने के लिये किसी हद..किसी भी हद तक जा सकते हैं…परमात्मा मुझे झूठा साबित कर दें…लेकिन मेरा मानना है कि आने वाले दो तीन महीने बेहद रक्तरंजित हो सकते हैं…जिसका संकेत गुलाबो,टोंटी के साथ उनके संरक्षण मे पाले पोसे गये मौलानाओं के ताजा बयानो से भी मिल रहे हैं..
तभी तो हल्द्वानी का डेमोग्राफी बदलने के बाद पुलिसवालों का इलाज हो रहा है….वे अस्पताल में भर्ती हैं…वे थाने में भी सुरक्षित नहीं हैं।
लोगों के घरों में छिपकर उन्हें जान बचानी पड़ी, महिला पुलिसकर्मियों तक को नहीं छोड़ा गया।
वहां गाड़ियां ही नही थाना तक जल रहा था वो थाना, जहाँ पुलिस रहती है। जिन गाड़ियों से पुलिस चलती है,वो धू-धू कर जल रहे थी।
ये वही पुलिस है जिस पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
वो भी लाचार हो जाती है,ऐसी स्थिति आने पर।
ये तो तब हुआ,जब हरे टिड्डों की भीड़ के बल प्रदर्शन का केवल 10% था, वो तो पूरी क्षमता और फंडिंग के साथ अभी उतरे भी नहीं हैं…वो तो पूरी तैयारी से,योजनाबद्ध तरीके से अब प्रयोग,संयोग नही कर रहे हैं….वो खुलेआम चुनौती दे रहे है कि तुम्हारी देवभूमि तक हम घुस चुके है…जो उखाड़ना है उखाड़ लो…..बहरहाल मै पुलिस को अयोग्य या अक्षम नहीं कह रहा…कतई नहीं, बिलकुल नहीं…वो अपनी पूरी ताकत से कार्यवाही कर ही रही है….मै तो आपके सामने या अगल बगल रहने वाले भाई चारे और गंगा जमुनी तहजीब की ओट मे छूरा छिपा कर रहने वाले जो दुश्मन है,जो गद्दार हैं उनकी ताकत और प्लैनिंग देख रहा हूँ..उनकी बात कर रहा हूं…..वो जब उनके नवासो के नही हुये…जब अपने बाप,भाई के नही हुये….तो आपके क्या होंगे…!!
सच तो यह है कि कश्मीर,बंगाल,मेवात से लेकर केरल तक…जहां यह कौम बहुसंख्यक है,वहां यह बेहद संगठित रूप से मैदान पर उतरती है….उजज्डता और उपद्रव का नंगा नाच करती है…फिर उसके बाद जब यह प्रजाति रेली जाती हैं…तब उनकी तीसरी लाइन के लोग उतर कर उनका बचाव करने के साथ विक्टिम कार्ड खेलने लगती है…..!!
खैर अब ये बताइये कि क्या करेगी पुलिस..आखिर करेगी क्या?
कर भी क्या सकती है? पुलिस को तो कभी न्यायालय रोक देती है, कभी सरकार बदल जाती है तो रुकना पड़ता है।
एक बात जानिये कि स्वयं को सशक्त किए बिना कुछ नहीं होगा।
अब बात पुलिस की नहीं, हिन्दू समाज बनाम गद्दारों की है।
हमें संकट के ऐन समय पर पुलिस बचाने नहीं आएगी, इतना तो हल्द्वानी मे एक बार फिर से सुनिश्चित हो गया है..इसका आभास रहना चाहिए हमें।
अचानक सुनियोजित आतताई हमले से पुलिस स्वयं की रक्षा कर ले, यही बहुत है….थानों की पुलिस है,पैरामिलिट्री है….वो जब तक आदेश का इंतजार करती है….तब तक पत्थरबाजो के भागने के बाद उनकी महिलाएँ और बच्चे तक मोर्चा सँभाल लेते हैं….ऊपर से बिना आदेश एक गोली तो छोड़िए डंडा चल गया तो मीडिया के भांडो की एक तरफा रिपोर्टिंग,गलीज हो चुके राजनैतिक दलों की सरपरस्ती के साथ ही बड़के साहब ऐसे मामलो मे स्वत: संज्ञान लेकर बहुतो की नौकरी खा जायेंगे…यही सब उनका मनोबल बढ़ाते हैं…..वास्तव मे कपट मे,छल मे,बल में वो भारी हैं….सच्चाई तो यह है कि एकजुट होने के साथ उनसे हमे अभी बहुत कुछ सीखना है…!!
उत्तराखंड के हलद्वानी में वही हो रहा जो हरियाणा के मेवात में होता है,पश्चिम बंगाल के मालदा में होता है,बिहार के किशनगंज में होता है, कश्मीर के पुलवामा में होता है, कर्नाटक के शिवमोगा में होता है…सूची बढ़ती जाएगी….बस जनसंख्या बढ़ाकर डेमोग्राफी तो बदलने दीजिये……हर शहर मे,जिले मे एक पाकिस्तान दिनो दिन मजबूत होता जा रहा है….!!!!
फिलहाल एक अंतिम बात जान लीजिये कि सजग,सतर्क,सावधान रहने के साथ अगर हम तैयार नही हैं….और आत्मरक्षा में विफल हुए तो विश्वास करिये पहले तो कटेंगे…फिर मिट जाएँगे…अब आप सोचिये कि आप को क्या करना है….क्योंकि उनका लक्ष्य निर्धारित है…कमजोर हो तो अलतकिया करो…मजबूत हो जाओ तो गजवा के ख्वाब को पूरा करो….इन्हे और इनके सरपरस्तो को पहचानिये…ये सब किसी के नही हैं!!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार: अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)