आज का परिणाम भारत के लिए एक नई शुरुआत
अंत मे जो भी निर्णय होगा देश हित मे होगा ।
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh: करीब चालीस पैंतालीस दिनो से लंबे चुनाव के बाद लोगो मे परिणाम जानने की उत्सुकता है । इतनी रैलियाँ, सभाओ ने लोगो को ये बता दिया कि वह सत्ता मे आते है तो क्या करने वाले है । इस चुनाव मे नेताओं ने अपनी पूरी लक्ष्मण रेखा पार कर दी । वही भाषा का स्तर भी काफी निम्न रहा । ऐसा कही से नही लग रहा था कि हम राष्ट्रीय स्तर के नेताओ के भाषण सुन रहे है । इस समय व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप भी काफी लगे है जिससे बचा जाना चाहिए था । वही टीवी मे भी चलने वाली बहस दुर्भाग्य से हर रोज मछली बाजार मे तब्दील होते लोगो ने देखा है । एक चैनल मे तो एक राष्ट्रीय दल के प्रवक्ता ने अपना आपा को खोकर चलती बहस मे कांच के गिलास को टेबल पर पटक कर अपने आक्रोश को व्यक्त किया, जिससे सब लोग ही अचंभित हो गए । अच्छा हुआ किसी को चोट नही आई । वही कई बहस मे ऐंकर ने उद्दंड प्रवक्ताओं को बहस से ही निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा । वहीं चुनाव के बाद भी अराजकता की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है । विपक्ष भी अपने संभावित हार से बेचैन है । एग्जिट पोल के नतीजे पर काफी गर्म माहौल है । गांधीजी की बात करने वाले अराजकता की बात करते है तो गांधी जी सिर्फ उनके लिए वोट का साधन मात्र है । इस चुनाव मे पश्चिम बंगाल मे चुनाव कराना बहुत कठिन काम था । अमीत शाह के रैली मे अंत मे भगदड भगदड और विद्यासागर राय की मूर्ति को भी खंडित करने से नही बख्शा । वहीं नेताओ के रैली और सभाओ पर बंदिश लगाने का भी काम हुआ है । पर अपने गठबंधन मे नाकाम होने के बाद और अपनी महत्वाकांक्षा के चलते भाजपा को भी टक्कर न देने की स्थिति ही है जिसके चलते अराजकता की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है । इस देश के जिस लोकतंत्र को आज भी विदेशो मे भी सराहा जाता है, माना जाता है, उसे अपने छुद्र स्वार्थ के लिए बदनाम करने की ये कोशिश घिनौनी है । पर ये जरूर है कि कोई ऐसी बात है कि मोदी जी को दुबारा सत्ता मे आना नही देना चाहते । पर जब व्यक्तिगत आपदा आने वाली हो तो मोदीजी जैसा नेता किसी को भी नही चाहिए रहेगा । वही विपक्ष को भी अपने संस्थानो पर विश्वास करना होगा । चाहे वो चुनाव आयोग हो चाहे सर्वोच्च न्यायालय । हम इनके आदेश से बंधे हुए है । तेइस तारीख आज की सुबह नया जनादेश लायेगी । नये भारत का निर्माण होगा । यह जरूर है देश राष्ट्र वाद की तरफ बढ़ रहा है । निश्चित ही मोदी जी के रूप मे एक सशक्त प्रधानमंत्री इस देश को मिला है, जिसे आज नही तो कल स्वीकार करना पड़ेगा । हमे जहां एक सशक्त सरकार चाहिए वहीं सशक्त विपक्ष की भी आवश्यकता है । अंत मे जो भी निर्णय होगा देश हित मे होगा ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)