Positive India:Anil Dwivedi:
श्रद्धेय बाला साहेब ठाकरे ने रजत शर्मा के एक शो में कभी कहा था कि ‘मेरी पार्टी को योग्य शिवसैनिक ही चलाएंगे, परिवारवाद नही होगा. इस पर रजत शर्मा ने सवाल दागा कि क्या उद्धव ठाकरे योग्य नही हैं, इस पर बाला साहेब ने सच उगलते हुए कहा, ‘बेटा है, नालायक कैसे कह दूं!
महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, वो दर्शाता है कि देश की राजनीति की धुरी अब हिंदुत्व है. हिंदुओं का अपमान कर आप ज्यादा समय सत्ता में नहीं रह सकते. राजनीतिक गठबंधनों के लिए भी यही कसौटी है. जो हिंदू हित की बात करेगा, वही देश में राज करेगा. लेकिन उद्धव समय और सेना को भांपने में चूक गए. वास्तव में बाला साहेब का असल हकदार राज ठाकेर थे, उद्धव नही।
धैर्य की भी एक सीमा होती है। वफादार शिवसैनिक शुरू से ही इस गठबंधन का विरोध कर रहे थे पर कलेजे पर पत्थर रखकर मौन हो गए। लेकिन जब उद्धव ने ओवैसी के मुस्लिम दल से पार्टी से गठबंधन किया तो शिवसैनिक उबल पड़े। एकनाथ शिंदे ने इसी उफान का फायदा उठाया और विद्रोह कर दिया।
फिलहाल मैं जो महाराष्ट्र की राजनीति का भविष्य समझ पा रहा हूँ, उसके अनुसार आज विधानसभा के उप सभापति को 41 विधायक के समर्थन वाली चिट्ठी दो जाएगी. नेता शिवसेना सदन में शिंदे ही रहेंगे, शिवसेना उनकी पार्टी रहेगी और बाक़ी बचे 14 विधायक की सदस्यता ख़तरे में आएगी।
फिर आएगी चुनाव आयोग की बारी। दोपहर के बाद दलबदल क़ानून उनपे लागू होगा जो एकनाथ शिंदे के साथ नहीं होंगे, नतीजा ये होगा कि एक भी नहीं बचेगा उद्भव बाबू के साथ। बाला साहेब ने कहा था कभी कि कांग्रेस से हाथ मिलाने से पहले शिवसेना बंद कर दूँगा। हाथ मिला के बेटे ने सही में बंद कर दिया.
साभार: अनिल द्विवेदी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)