पॉजिटिव इंडिया: दिल्ली;
पांच साल के व्यक्तिगत खिताब के सूखे को खत्म करने की उम्मीद लगाए बैठे एचएस प्रणय ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं भी कर पाते तो उन्हें कोई मलाल नहीं होगा क्योंकि अब उनके पास थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट का स्वर्ण पदक है।
प्रणय भारतीय बैडमिंटन में ‘जाइंट किलर’ के नाम से मशहूर हैं और वह अपने करियर के दौरान ली चोंग वेई, लिन डैन, चेन लोंग और विक्टर एक्सेलसन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को हरा चुके हैं।
प्रणय हालांकि 2018 में करियर की सर्वश्रेष्ठ आठवीं रैंकिंग हासिल करने के बावजूद 2017 में अमेरिकी ओपन ग्रां प्री गोल्ड के बाद कोई खिताब नहीं जीत पाए हैं।
प्रणय ने साक्षात्कार में कहा,कुछ असाधारण खिलाड़ी हैं जो लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं लेकिन अन्य खिलाड़ी भी हैं जिनमें क्षमता है और उन्होंने बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज की है लेकिन कभी कुछ बहुत बड़ा नहीं जीत पाए। मैं इस वर्ग में आता हूं।
उन्होंने कहा,मुझे पता है कि मैंने कोई बहुत बड़ी सफलता हासिल नहीं की है, शायद ऐसा होने वाला हो, जब ऐसा होना होगा तो होगा लेकिन अगर ऐसा नहीं भी होता है तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आपको पता है कि आप प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं खुशकिस्मत था कि मैं थॉमस कप की टीम में शामिल था।
केरल का यह खिलाड़ी इस साल मार्च में स्विस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट जीतने के करीब पहुंचा था लेकिन उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
दुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी प्रणय भले ही खिताब नहीं जीत पाए हों लेकिन उनके प्रदर्शन ने उन्हें थॉमस कप टीम में जगह दिलाई। उन्होंने मलेशिया तथा डेनमार्क के खिलाफ क्रमश: क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में निर्णायक तीसरे एकल मुकाबले को जीतकर भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।प्रणय ने कहा,इस टीम का हिस्सा होने के कारण मैं उस लम्हे का हिस्सा बन पाया, पोडियम का हिस्सा बन पाया। मैं भाग्यशाली हूं कि उस अहसास का सामना कर पाया जो दुनिया की किसी और चीज में नहीं मिल सकता।
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