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थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतना छोटी उपलब्धि नहीं है: प्रधानमंत्री मोदी

इतिहास रचने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों पर गर्व है।

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पॉजिटिव इंडिया:दिल्ली;

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों से मुलाकात की और कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकॉक में प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में ऐतिहासिक जीत के बाद खिलाड़ियों को टेलीफोन पर बधाई देने के कुछ दिन बैडमिंटन टीम के सदस्यों से निजी तौर पर मुलाकात करके उनके साथ बातचीत की। इस दल में महिला उबेर कप टीम की खिलाड़ी भी शामिल थीं।
मोदी ने कहा,मैं देश की तरफ से पूरी टीम को बधाई देता हूं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। आपने कर दिखाया। एक दौर था जब हम इन टूर्नामेंटों में इतने पीछे थे कि यहां किसी को पता ही नहीं चलता था।
प्रधानमंत्री ने चैंपियन शटलर (बैडमिंटन खिलाड़ी) से मुलाकात के दौरान थॉमस कप की यादों को भी ताजा किया जहां भारत ने खिताब के दावेदार इंडोनेशिया को हराकर स्वर्ण पदक जीता। मोदी ने कहा कि भारत दशकों बाद प्रतियोगिता में अपना ध्वज फहराने में सफल रहा और यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।उन्होंने टीम को उसके प्रयासों के लिये बधाई दी और कहा कि लोगों ने पहले कभी इन टूर्नामेंटों पर ध्यान नहीं दिया लेकिन थॉमस कप जीत के बाद देशवासियों ने टीम और बैडमिंटन के खेल पर गौर किया।
प्रधानमंत्री ने कहा,हां, हम यह कर सकते हैं’ का रवैया आज देश में नयी ताकत बन गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार खिलाड़ियों को हर संभव मदद प्रदान करेगी।सीनियर खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने जिस तरह से भारतीय चुनौती की अगुवाई की उसके लिये प्रधानमंत्री ने इस 29 वर्षीय खिलाड़ी की सराहना की।
श्रीकांत ने कहा,‘सर मैं बहुत गर्व के साथ कह सकता हूं कि दुनिया का कोई भी खिलाड़ी इसको लेकर शेखी नहीं बघार सकता। केवल हमें जीत के तुरंत बाद आपसे बात करने का सौभाग्य मिला। इसके लिये बहुत बहुत आभार सर।
उन्होंने कहा, खिलाड़ियों को यह कहते हुए गर्व होगा कि हमें अपने प्रधानमंत्री का समर्थन हासिल है।
मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा,प्रधानमंत्री खिलाड़ियों और खेल का अनुसरण करते हैं और खिलाड़ियों से जुड़ते हैं।जहां तक डेनमार्क के रहने वाले ​​युगल कोच माथियास बो की बात है तो उन्होंने कहा,मैं एक खिलाड़ी रहा हूं और मैंने पदक भी जीते हैं लेकिन मेरे प्रधानमंत्री ने मुझे कभी मुलाकात के लिये नहीं बुलाया। साभार पीटीआई

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