Positive India:Vishal Jha:
ये वही मजदूर हैं जिनका पीएम मोदी चरण धोते हैं। जोकि केवल और केवल निष्ठा का विषय है। स्टंट के तो और भी तरीके होते हैं। और जब ये मजदूर टनल में फंस जाएं, तो ऐसा लगता है मोदी जी के गले से आहार निगलना भी मुश्किल रहा होगा। क्योंकि निश्चित रूप से उनकी सरकार को मजदूरों का भी आशीर्वाद प्राप्त है।
सुरंग में संकट को लेकर जब गांधी नेहरू वोटर वैज्ञानिक समाज को गाली दे रहा था, चांद पर चंद्रयान भेजने की लानत दे रहा था, तब कहीं ना कहीं वह मजदूरों के साथ संवेदना नहीं प्रकट कर रहा था। बल्कि किसी भी प्रकार एक राष्ट्र के स्टेकहोल्डर्स को गाली देने का काम कर रहा था।
पीएम मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं थे, तब भी वैज्ञानिकों की सफलता पर उनसे मिलने जाया करते थे। एक मुख्यमंत्री की हैसियत से ही उन्हें भोज पर आमंत्रित करते थे। देश के सैनिकों से भी विशेष रूप से मिलते थे। इन सबों का कहीं ना कहीं आत्मिक आशीष इस सरकार को प्राप्त है, तभी ये आज सत्ता अजेय बने हुए हैं।
साभार-विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)