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अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे शराब कांड से महत्वपूर्ण और कारण हैं

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India: Ajeet Singh:
गिरफ्तारी के पीछे शराब कांड से महत्वपूर्ण और कारण हैं।
CBI, ED के बाद अब NIA की होगी एंट्री, केजरीवाल ने जो जासूसी वाला देशद्रोह का महापाप किया हैं, उसे सुनकर देशवासियों के होश उड़ जाएँगे।

गिरफ्तारी के समय ED को इसके आवास की तलाशी लेने पर ED के अधिकारिओंकी जासूसी करने के सबूत मिले।
खालिस्तानियों से AAP की सांठगांठ सबके सामने आ चुकी है। यह विदेशियों के लिए भारत में जासूसी कर रहा था।

*इसके पाप इस तरह है:*😠

१. केजरीवाल ने “War Against Country” की तर्ज़ पर भयानक साज़िश रची। इस आत्ममुग्ध बौने ने मोसाद और केजीबी की तर्ज पर Semi Spy और Semi Military Organization “Feed Back Unit” बनाने कि पूरी तैयारी की।

२. ना किसी से इसने सरकारी या केबिनेट की इजाज़त ली… 17-18 रिटायर्ड नमक हराम नौकरशाहों को इसके लिए नियुक्त किया गया, जिनके ज़रिए वो देश के सभी उच्चपद के लोगों की जासूसी कर सके, यें उनके फ़ोन टॅप कर रहा था।

३. जिनकी जासूसी ये कर रहा था वो थे, देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जाने माने सुप्रीम कोर्ट के जज, हाई कोर्ट जज, वकील, नौकरशाह, जल, थल और वायु सेना के अधिकारी, विपक्ष के राजनेता उतना ही नहीं खुद की पार्टी के नेताओ, उनकी पत्नी, बेटी इन सबके फ़ोन टेप करके जासूसी कर रहा था।

४. ये साज़िश तब उजागर हुई जब, इससे भी ज़्यादा भयानक जासूसी की साज़िश को अंजाम देने के लिए इसने “Military Grade Snooping Device” का ऑर्डर इजराइल को दिया। ये बौना पेगासस के पिताजी को ला रहा था।

५. इजराइल की उस कम्पनी ने ये कह कर इस Device को देने से मना कर दिया कि वो किसी भी राज्य सरकार को ये नहीं दे सकती, उसके लिए उनको केंद्र की अनुमति दिखानी होगी।

६. बस फिर क्या, केजरीवाल ने सोचा, समझदार तो सिर्फ़ एक मैं हूँ, किसी कों क्या पता चलेगा, ऐसा मान कर उसने गृहमंत्रालय से ये कह कर Device को ख़रीदने की अनुमति माँगी कि ये हमको ऐसे ही फ़ीड बैक यूनिट के लिए चाहिए।

७. जैसे ही ये अर्ज़ी मोटाभाई तक पहुँची, उनके होश उड़ गए…देश का एक मुख्यमंत्री देश के ख़िलाफ़ जासूसी की साज़िश करने के लिए उनसे ये कैसी अनुमति माँग रहा है ?

बस इसके बाद गिरगिट की चाल सारी उलटी पड गई, गृहमंत्रालय ने तुरंत जाँच के आदेश दिए। उसमें ऐसे ऐसे तथ्य सामने आए की अब इस केजरी माफिया का बचना नामुमकिन है।

८. क़रीब 700 लोगों की जासूसी ये करवा चुका हैं, इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाई देश के प्रमुख मीडिया हाउस ने…

इन मिडीया दलालों ने सुनिश्चित किया कि केजरीवाल से संबंधित कोई भी कमी, साज़िश, नाकामी और धोखाधड़ी की न्यूज़ उनके चॅनल पर ना आये । बराबर केजरीवाल का महिमामंडन इनके चैनलों पर होता रहेगा, जिसके लिए इनको मोटी रक़म मिलती रहेगी।

अब देखिए बहुत जल्दी धमाके पर धमाके होंगे।

पंजाब में हुई अमृतपाल की गिरफ्तारी से ऑपरेशन शुरू हो चुका है।

साभार: अजीत सिंह वाया WA-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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