राक्षसी करतूतों को अंजाम देने के लिए उम्र की कोई सीमा नही होती
18 वर्ष की उम्र में फूलन देवी ने 22 ठाकुरों की हत्या कर दी थी।
Positive India:Satish Chandra Mishra:
लुटियन दिल्ली के सियासी मीडियाई धूर्तों दलालों और राहुल प्रियंका केजरीवाल, आओ तुम्हें याद दिलाऊं कि केवल 20 बरस की उम्र में ही वह लड़की कितना और कैसा कहर ढा चुकी थी।
ये कहानी जिस लड़की की है उस ने केवल 16 बरस की उम्र में अपने पति को घर से घसीट कर बाहर निकाला था और पूरे गांव के सामने अपने हाथों से चाकुओं से गोद दिया था। 18 बरस की आयु में उस लड़की ने एक लाइन में खड़ा कर के 22 नौजवानों को अपनी बंदूक की गोलियां से छलनी कर के मौत के घाट उतार दिया था। पूरे देश को दहला देने वाले इतने वीभत्स हत्याकांड को अंजाम देकर उसने देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री को उनके पद से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर कर दिया था। 20 बरस की उम्र तक उसके खिलाफ दर्जनों नृशंस हत्याओं, डकैती, लूट, अपहरण आगजनी आदि के 48 मुकदमे दर्ज हो चुके थे। इससे भी अधिक संख्या उसके द्वारा अंजाम दिए गए उसके उन अपराधों की थी, जिनकी रिपोर्ट उसके आतंक के कारण पीड़ितों ने नहीं लिखाई थीं। 20 बरस की ही उम्र में देश के दो सबसे बड़े प्रदेशों (उप्र, मप्र) में उसके आतंक का सिक्का इतने जोरशोर से चलने लगा था कि उसके आतंक से किसी भी कीमत पर छुटकारा पाने के लिए, उसकी मनमानी शर्तों पर उसका आत्मसमर्पण कराने के लिए उसके समर्पण मंच पर मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री को खुद आना पड़ा था। उस लड़की का नाम था फूलन देवी। अगस्त 1963 में जन्मी फूलन देवी ने दर्जनों हत्याओं समेत डकैती लूट अपहरण का भयानक आपराधिक इतिहास रचने के बाद फरवरी 1983 में जब आत्मसमर्पण किया था उस समय उसकी उम्र केवल 19 वर्ष 6 माह थी। उल्लेख आवश्यक है कि फूलन देवी के कहर के कारण मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले मुख्यमंत्री तथा फूलन देवी की मनमानी शर्तों के आगे घुटने टेक कर उसका आत्मसमर्पण कराने वाले दोनों मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (उप्र) और अर्जुन सिंह (मप्र) कांग्रेस के ही थे। लेकिन उसी कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, शशि थरूर आज यह राग अलाप रहे हैं कि एक 21 साल की लड़की कर ही क्या सकती है.?
फूलन देवी की उपरोक्त संक्षिप्त कहानी का उल्लेख आज इसीलिए किया क्योंकि 26 जनवरी को दिल्ली में हुए देशद्रोही दंगों की साजिश रचने में साझेदारी भागीदारी के देशद्रोही कुकर्म के लिए ठोस सबूतों के साथ गिरफ्तार हुई दिशा रवि के पक्ष में दिल्ली के लुटियन जोंस के सियासी मीडियाई धूर्त दलाल तथा राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और केजरीवाल सक्रिय हो गए हैं। उनके तर्कों तथ्यों का तरकश क्योंकि पूरी तरह खाली है इसलिए दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में दलालों का यह गैंग लगातार एक ही राग अलाप रहा है कि बेचारी दिशा की तो उम्र ही केवल 21 वर्ष है। भला 21 वर्ष की लड़की क्या कर सकती है। मात्र 21 वर्ष की एक लड़की से सरकार डर क्यों रही है.?
लुटियन जोंस के सियासी मीडियाई धूर्तों दलालों और और राहुल प्रियंका केजरीवाल के उपरोक्त देशघाती राग की धज्जियां उड़ा देती है फूलन देवी की कहानी। यह कहानी बताती है कि राक्षसी करतूतों को अंजाम देने के लिए उम्र की कोई सीमा नही होती है।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)