“राही की फुलझड़ी”– सही मायनों में कुत्ता कौन है?
हमने कभी पाक जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए हैं, न ही कभी किसी पर पत्थर चलाए हैं।
Positive India:
जैसे ही नगर-निगम ने कुत्तों की धरपकड़ का अभियान चलाया, कुत्तों ने तुरंत अपना विरोध दर्ज कराया-
सही मायनों में कुत्ता कौन है? पहले इस पर विचार हो,
उसके बाद ही किसी कुत्ते पर अत्याचार हो।
कुत्तों ने वफादारी में नाम कमाया है,
इंसानों की तरह अपना ईमान नहीं गँवाया है।
हम सूंघकर बता देते हैं-
बारूद की गंध,
असामाजिक तत्वों की दुर्गंध,
रात भर जगते हैं,
गली मोहल्लो की हिफाजत करते हैं।
हम चोरों की चाल खूब समझते हैं,
और तो और चौकीदारों के घर की चौकीदारी भी हम ही करते हैं।
इतनी सेवाओं के बाद भी,
नहीं मिला सस्ता चावल या शौचालय,
नहीं मिला कोई आरक्षण,
नहीं मिली कभी सब्सिडी।
नहीं मिला वोटिंग का अधिकार,
नहीं मिली कभी कोई माफी या बहत्तर हजार।
हमने कभी पाक जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए हैं,
न ही कभी किसी पर पत्थर चलाए हैं।
अब तो संसद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लाया जाए। भविष्य में किसी आवारा कुत्ते को नहीं सताया जाए।
लेखक:-राजेश जैन राही, रायपुर