सभी जेहादियों को बीन-बीन कर इकट्ठा कर सेना की तोप के सामने खड़ा कर उड़ा देना ही अब एकमात्र विकल्प है
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
कश्मीर समस्या का अब एक ही हल है कि सभी जेहादियों को बीन-बीन कर , इकट्ठा कर एक साथ उड़ा दिया जाए। कश्मीर ही नहीं , समूचे देश से आतंकवाद का ख़ात्मा करने का भी यही एक हल है। नर संहार करने वालों का संहार कर दिया जाए। फुटकर में एक मारे , दो मारे नहीं चलेगा। नहीं विवेक अग्निहोत्री जैसे लोग कश्मीर फाइल्स बनाते रह जाएंगे , सुधाकर अदीब जैसे लोग बर्फ़ और अंगारे उपन्यास लिखते रह जाएंगे और आप फ़िल्म पर , उपन्यास पर , 370 को हटाने , पंडितों को बसाने जैसी बातों पर जैसी बेमतलब बहस में ऊर्जा नष्ट करते रहेंगे। इस से हासिल कुछ नहीं होगा। आज जो बैंक कर्मी विजय कुमार मारा गया , वह कश्मीरी पंडित नहीं था। राजस्थानी था। नौकरी करने कश्मीर आया था।
कश्मीर में औरंगज़ेब के समय से यह जेहाद जारी है। ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की ख़ुशी से बाहर निकल कर कश्मीर के ए टू ज़ेड जेहादियों का संहार कीजिए। सब को बटोर कर सेना की तोप के सामने खड़ा कर , उड़ा देना ही एकमात्र विकल्प है। नहीं वह दिन दूर नहीं , जब जेहादियों के नंगा नाच के आगे समूचा देश बेबस दिखेगा। जनसंख्या नियंत्रण , कॉमन सिविल कोड वगैरह निरर्थक और नपुंसक बहस हैं। सेना द्वारा जेहादियों का खात्मा ही सर्वमान्य हल है। कश्मीर ही नहीं , समूचे भारत से जेहादियों का समूल खात्मा।
यही एकमात्र और सर्वमान्य हल है। बहुत हो गया कश्मीरियत , जम्हूरियत और उस पर मरहम का ढपोरशंखी ड्रामा। यह सब वाहियात बातें हैं। सुनते-सुनते कान पक गए हैं। सब का साथ , सब का विकास आदि की हिप्पोक्रेसी भूल कर इजराइल और चीन जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति की ज़रुरत है। भारत में अमन-चैन चाहिए। सब का विकास , सब का विश्वास ख़ुद हो जाएगा। तय तो करना ही होगा कि आप को देश चाहिए कि जेहाद ? दो में से एक ही मुमकिन है।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)