यह मांसाहार बनाम शाकाहार की नहीं, जीवहत्या बनाम जीवदया की बहस है!
मैं जीवहत्या को जीवदया से अधिक महत्व देता हूं और इसके बावजूद वह अपने नैतिक आधार की रक्षा कर सके। और वो यह बात जानता है कि नैतिक आधार पर उसका पक्ष कमज़ोर है।
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