राजकुमार मसंद की इस व्यंग्य कविता ने तालियां बटोरी:-
चुनाव के दिन पास आने लगे है,
बरसाती मेंढक टर्राने लगे है।
ऊँगली पकड़कर जिन्होंने चलना सिखाया,
चलन जमाने को सिखलाने लगे है।
Positive India: रायपुर।राजधानी की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा 22 दिसंबर की संध्या वृन्दावन सभागृह में संपन्न "याद ए शिकुम"कार्यक्रम में प्रदेश भर के स्थापित व नवोदित…