Editorial समय नहीं व्यतीत हो रहा, हम ही व्यतीत हो रहे हैं। positive india Jan 6, 2025 0 चाणक्य कहते हैं "स्वयं को अजर अमर मानकर विद्या और अर्थ का संचय करना चाहिए लेकिन मृत्यु ने केशों से पकड़ रखा है ऐसा मानकर प्रतिक्षण धर्म का आचरण करना चाहिए।"