आत्महत्या की अंधी सुरंग में ख़ुद को झोंकते ही पहली प्रतिक्रिया क्या होती है?
मृत्यु से ठीक पहले शरीर किसी बनैले पशु की तरह जाग जाता है और मन को अपने बस में कर लेता है. प्राणों में, धमनियों में एक हूक गूंजने लगती है-- "क्या इसे अब बदला नहीं जा सकता? जीना इतना भी कठिन…