भागवत जी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में संघ ने हिस्सा लिया, लेकिन अब वे ऐसा कोई भी आंदोलन नहीं करेंगे। उन्होंने तब क्यों हिस्सा लिया और अपना बलिदान दिया?
जिन लोगों ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को सिस्टम के मकड़जाल में उलझा कर पिछले 7 दशकों से रखा हुआ था, अब वो दिन लद गए।