नहीं सामाजिक समता की बात तो महात्मा बुद्ध भी करते थे , कार्ल मार्क्स भी
आरक्षण की खीर खाने के लिए कुतर्क करते रहिए। मौज करते रहिए। नो प्रॉब्लम। लेकिन आरक्षण की बैसाखी ले कर आप सरकारी नौकरी पा सकते हैं। सुविधाएं भी। पर सम्मान कभी नहीं।
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