एक बहुमत इस्लामिक समाज कभी भी काफिरों को स्वीकार नहीं कर सकता। अनुच्छेद 370 रहे अथवा हट जाए क्या फर्क? एक मोदी जी तो क्या 5-10 मोदी जी भी मिलकर एक बहुसंख्यक इस्लामिक समाज में हिंदुओं को बसा…
कश्मीरी पंडितों की हत्या अगर होती है तो क्या उन विपक्षियों का मुंह मे दही जमाये बैठ जाना सही है? क्या उन्हें कश्मीरी पंडितों का हौसला बढ़ाने आगे नही आना चाहिए? यहा तो विपक्ष की भूमिका लगती है…