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भगवान कल्कि का दंड

कल्कि अवतार आएंगे,तो स्वार्थी हिंदू बच जाएंगे?कल्कि अवतार आएंगे,तो पाखंड करने वाले हिंदू बच जाएंगे?कल्कि अधर्म करने वालों का नाश करेंगे,ये कहा गया है,हिंदुओं से अधिक अधर्म कौन कर रहा है भला?

समय नहीं व्यतीत हो रहा, हम ही व्यतीत हो रहे हैं।

चाणक्य कहते हैं "स्वयं को अजर अमर मानकर विद्या और अर्थ का संचय करना चाहिए लेकिन मृत्यु ने केशों से पकड़ रखा है ऐसा मानकर प्रतिक्षण धर्म का आचरण करना चाहिए।"

यदा यदा हि धर्मस्य

यह श्लोक इसलिए लोक​प्रिय है, क्योंकि यह आमजन को सांत्वना देता है। इसका सामान्यतया यह अर्थ लगाया जाता है कि जब-जब धर्म की हानि होगी, तब-तब मैं अवतरित होऊँगा। आमजन सोचते हैं कि जब पाप अपरम्पार…

गीता के तीसरे अध्याय (कर्मयोग) में ऐसा सूत्र आया है कि उस पर आजीवन मनन किया जा सकता…

'गुणा गुणेषु वर्तन्त।' गुण ही गुणों में बरत रहे हैं। जैसे त्रिगुणात्मिका प्रकृति की कोई स्वचालित प्रक्रिया है। आपसे पृथक है। आपके बिना भी हो रही थी, आपके बिना भी होती रहेगी।

शिया और सुन्नी विवाद का बीज पैग़ंबर के जीवनकाल में पड़ गया था ।

शिया और सुन्नी विषय पर लिखने का मूल उद्देश्य इतना भर है कि लगभग १००० वर्षों के साथ के बावजूद एक औसत भारतीय इस्लाम के विषय में कम जानकारी रखता है और अगर रखता भी हैं तो एकपक्षीय ।