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कामरेड समरेश बसु और फ़िल्मकार विमल रॉय का अमृत कुंभ !

अरे कुंभ नहीं पसंद है , कोई बात नहीं । गोली मारिए , कुंभ को । पर नाग बन कर , फ़न काढ़ कर , नित्य प्रति , क्षण -क्षण खड़े रहना इतना ज़रूरी है ?

गीता कहती है कि संसाररूपी जो वृक्ष है, उसमें मूल ऊपर है, शाखाएँ नीचे हैं!

जैसे वृक्ष की जड़ें पाताल में होती हैं और वहाँ से वृक्ष का तना फूटकर आकाश की ओर बढ़े चला जाता है, उसके ठीक उलट, जो सर्वोच्च पद है, उस ब्रह्म से संसार की व्युत्पत्ति होती है और उसके बाद…

प्रत्युषा फाउंडेशन हुआ सम्मानित

Positive India:Raipur: यातयात पुलिस द्वारा 1जनवरी से 30 जनवरी तक सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जाता है इस वर्ष भी किया गया जिसके अंतर्गत बाईक रैली हेलमेट पहनने शिक्षण संस्थानों में…

ज्ञानी , मनमोहन और खड़गे की कैफ़ियत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी देखते ही खड़े हो जाते हैं। राहुल के बैठने के लिए कुर्सी छोड़ देते हैं। प्रियंका गांधी के नामांकन के समय बच्चों की तरह झांकते हुए बाहर खड़े रहते हैं। इतना…

कुम्भ मेले में एक आईआईटीयन को देखकर भारत-देश की जनता विस्मय-विमुग्ध हो गई

वास्तव में, अत्यन्त मेधावी होना संन्यासी होने की पहली शर्त है। गीता का 'कर्म-संन्यास' और 'मोक्ष-संन्यास'! यह उपदेश एक सुशिक्षित अर्जुन को दिया जा रहा है। शंकराचार्य ने 'विवेकचूड़ामणि' में…

फ़िरदौसी और उसका शाहनामा

यदि शाहनामा न लिखा गया होता तो फ़ारसी भाषा अपनी ८०% शब्द संपदा और सौ प्रतिशत प्राचीन इतिहास को खो बैठतीं । रुस्तम सोहराब का कोई नाम भी न जानता होता ।

मीडिया माला बेचने वाली लड़की के पीछे तबतक पड़ी रही जबतक कि वह वापस भाग नहीं गयी

ये अनपढ़ जलील व्यूखोर जिस तरह से कुम्भ की प्रतिष्ठा का नाश कर रहे हैं, उसके कारण इन्हें रोकना आवश्यक हो गया है। अन्यथा इस बार का मेला अपनी नकारात्मकता के लिए ही याद रह जायेगा।

90 साल की भरी-पूरी उम्र में सिनेमा का यह शलाका-पुरुष श्याम बेनेगल विदा हुआ है,उनकी…

श्याम बेनेगल के सिनेमा में हम समाज के विभिन्न स्तरों पर उपस्थित शक्ति-संरचनाओं को परस्पर संघर्ष में देखते हैं।