मानवाधिकार के नाम से देश मे अराजकता फैलाने के लिए ये तथाकथित सेक्यूलर लोग ही जिम्मेदार है । ये वही लाबी है जिन्होंने एक आतंकवादी के न्याय के नाम से रात को दो बजे उच्चतम न्यायालय को खुलवाया ।…
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला इंदिरा जी के विपरीत हुआ था। बात श्रीमती इंदिरा गांधी के इस्तीफा देने की नौबत तक आ गई थी।उससे बचने के लिए उन्हे अंततः आपातकाल जैसे कदम उठाने पड़े।
यह लोकतंत्र ही भ्रष्टाचार की जननी ही है। राजनैतिक पार्टियाँ ही इसकी पोषण हैं राजनैतिक व्यवसाय करने वाले ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर हमारा सिर्फ टाइम पास करते है ।