Raipur साहित्यकारों व कवियों ने मतदान की अपील की positive india Apr 3, 2019 0 राजकुमार मसंद की इस व्यंग्य कविता ने तालियां बटोरी:- चुनाव के दिन पास आने लगे है, बरसाती मेंढक टर्राने लगे है। ऊँगली पकड़कर जिन्होंने चलना सिखाया, चलन जमाने को सिखलाने लगे है।