यह तुम्हारे विशाल उरोज
तुम्हारे यह विशाल उरोज
काश कि समुद्र होते
और मैं मछली बन कर तैरता
जल के भीतर-भीतर
तुम्हें जीता और जगाता रहता तुम्हें
हिलोरें मार-मार कर धड़काता रहता
तुम्हारा दिल
तुम्हारी दुनिया जवान…
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