मगर कुछ लोग जन्मजात क्रांतिकारी ही होते हैं रचनात्मक काम में मन नहीं रमता। जेपी फिर लौटे सन चौहत्तर में । इस बार सम्पूर्ण क्रांति लेकर । आगे जो हुआ वह इतिहास है।
नेहरू तो नेहरू , इंदिरा गांधी को भी फ़िरोज़ गांधी , नेहरू और फिर संजय गांधी की मृत्यु के बाद भी किसी ने कभी रोते नहीं देखा। संजय गांधी को भी किसी ने कभी रोते नहीं देखा। राजीव गांधी , सोनिया…
नेहरू न होते तो इंदिरा राजीव और राहुल भी न होते । देश को बहुत सारी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता । गुट निरपेक्षता की नीति भी न होती । या तो भारत अमेरिकी गुट में शामिल हो कर इस्राइल बन गया…
नेहरू ने वकालत के नाम पर दिखावा करने की कोशिश क्यों की? गांधी ने सुभाष चंद्र बोस के हिंसा का हवाला देकर नेहरू को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की? गांधी इरविन समझौता में भगत सिंह को न बचाने के…
गजवा एक दूषित ही नही सनातन राष्ट्रवाद की घोर विरोधी सोच ही नही बल्कि घिनौनी मानसिकता है...इसका हथियार है कोरोना की तरह कई रूपो मे बदलता जेहाद....जिसके बुर्के मे छिपे जाने कितने चेहरे है।
1949 के अंत तक शेख अब्दुल्ला मंत्रिमंडल के दबाव के कारण महाराजा हरिसिंह को अपने सभी प्रशासनिक और संवैधानिक उत्तरदायित्व अपने पुत्र युवराज कर्णसिंह को सौंपने पड़े। जम्मू कश्मीर विधान सभा…