कोई कुछ भी कहे, कंगना मुझको तो अच्छी लगती हैं!
कंगना जैसी हैं, वैसी क्यों हैं? वो इतनी बदतमीज़ और मुँहफट क्यों हैं? उन्हें इतना ग़ुस्सा क्यों आता है? जब वो आप की अदालत में आईं तो अपनी पैरवी करने का उनका अंदाज़ वैसा ही था, जैसे तनु-मनु…
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