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#krishna

गीता का छठा अध्याय साधकों-मुमुक्षुओं के ​लिए बड़ा मूल्यवान है

"आत्मसंस्थं मन: कृत्वा" गीता को ब्रह्मविद्या के साथ ही योगशास्त्र भी क्यों कहा गया है- क्योंकि यह ग्रंथ न केवल परब्रह्मविषयक ज्ञान का वर्णन करता है (उप​निषदों की तरह), बल्कि उसकी प्राप्ति…

कृष्ण अभी तक सबसे ज्यादा माने जाने के पश्चात सबसे कम समझे जाने वाले भगवान हैं

कृष्ण का दर्शन ही मेरे देखे '''' सहज मार्ग ''' है .... उन्होने अपनी चेतना को किसी भी बंधन में नहीं रखा ,,,, उन्होने परमात्मा को धर्म के नियमों के छाते के नीचे आकार देखने की बजाय ,,,,, खुले…

परित्यक्तों की पृथ्वी

कृष्ण की कथा इसमें सबसे रुचिकर है। कृष्ण से बड़ा निस्संग कौन हुआ? रण में, वन में, भवन में, भुवन में, प्रणय में, कलह में- वे एकाकी ही हैं, ठीक वैसे, जैसे कोई विराट-रूप सर्वथा असंग होता है।