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ईरान इजरायल को कभी क्यों नहीं हरा पाएगा?

हज़ारों वर्षों से हर तरह के अत्याचार और प्रलोभन को ठुकरा कर अपने धर्म पर डटे रहने वाले यहूदी इन अरबों और ईरानियों से कहीं बहादुर हैं जो इस्लाम का एक हमला भी न झेल पाये और ईमान ले आये ।

इस्राइल हमास की तब तक पिटाई करेगा जब तक हमास का नामोनिशान नहीं मिट जाता

इतने सारे इस्लामी मुल्क क्यों हमास की पिटाई चुपचाप देख रहे हैं ? और तो और मिस्र और जॉर्डन जैसे पड़ोसी मुल्कों ने तो ग़ाज़ा के शरणार्थियों को लेने से भी साफ़ इन्कार कर दिया । अगर संभव होता तो…

ईरान का इस्राइल पर मिसाइल अटैक इतना लचर क्यों था?

ईरान से कहीं अधिक आक्रामक और कामयाब तो हमास का ७ अक्टूबर वाला हमला था । उसने कुछ दुश्मनों को मारा था कुछ को बंधक बना लिया था और ऑयरन डोम को भी भेदने में उसे आंशिक सफलता मिली थी । ईरान से तो…

दुआ कीजिए कि इस्राइल पलटवार न करे वरना ग़ाज़ा से कहीं ज़्यादा विनाश ईरान में होगा

दुनिया भर के मुसलमान इस्राइल के विनाश के लिए हर जुमा दुआ करते रहते हैं । ज़रा कहीं कोई इस्राइल पर हमला कर दें तो खिल उठते हैं ।

हमास ने क्या सोचा था कि इसराइल मनमोहन सिंह की तरह चुप बैठ जाएगा?

हमास एक सुन्नी संगठन है और ईरान शिया लेकिन यहूदी दोनों के कॉमन शत्रु हैं । यद्यपि हिज़्बुल्लाह शिया है और ईरान द्वारा ही संपोषित है लेकिन काँटे को काँटे से ही निकालना चाहिए और बाद में दोनों…

अगर इजराइल इन तीन मुद्दों में से एक पर भी कमज़ोरी दिखाता है, तो !

खाँटी वामपन्थी तो यही मानने के लिए तैयार नहीं होंगे कि हमास कोई आतंकवादी संगठन है जिसने कुछ ऐसा किया है जिसके लिए उसका समूल नाश हो ही जाना चाहिए, पर नव-वामपन्थी यह लाइन ले सकते हैं कि हमास…

गाजा के अल अहली अस्पताल को किसने उड़ाया?

हमारे प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कहा है इसमें इंवॉल्व लोगों की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए। बाईडेन ने कहा कि अस्पताल पर अटैक के पीछे इसराइल नहीं है कोई दूसरी पार्टी है।

आधुनिक इस्राइल का जन्म भारतीय सैनिकों की हैफ़ा विजय से ही हुआ है

Positive India:Rajkamal Goswami: प्रथम विश्व युद्ध से पहले समूचा मध्यपूर्व जिसमें ईराक़ सीरिया जॉर्डन लेबनान सब शामिल था तुर्की के उस्मानी ख़िलाफ़त का अंग था । वही ख़लाफ़त जिसकी सुरक्षा के…

भारत जैसा सेक्यूलर दोगलों का देश नहीं है इजराइल

आतंक , और आतंकी के साथ नो सहानुभूति। अबकी हमास का कोई नामो-निशान नहीं रहेगा। क्यों कि इजराइल , भारत नहीं है। न ही भारत जैसा सेक्यूलर दोगलों का देश है।

हमास ने इस्राइल से युद्धविराम और वार्ता की क्यों पेशकश की?

रह गया हमास अकेला । अभी तो दो दिन भी नहीं हुए इस्राइल का ग़ुस्सा तो इतनी जल्दी ठंडा होने वाला नहीं है । वह तो ग़ाज़ा का नामोनिशान मिटाने का संकल्प लेकर युद्धरत है । वैसे भी हमास सुन्नी है और…