बौद्धिक पृष्ठभूमि के साथ मैं इस्लाम की आलोचना करता हूँ, और मित्रों की गाड़ी गोलवलकर, सावरकर से आगे नहीं बढ़ पाती। उनको लगता है, जो इस्लाम का क्रिटिक, वो गोलवलकर का चेला।
राहुल ने ये भी कहा कि "आप हिन्दू हो ही नहीं..."- अब राहुल गांधी देश को यह भी बताएँगे कि कौन हिन्दू है और कौन नहीं? और उनकी दृष्टि में हिन्दू होने की परिभाषा क्या है?
यह धर्म की अफीम न होती तो जिन्ना पाकिस्तान की जलेबी कैसे खाता भला । और देखिए कि भारत में अभी भी ऐसे मूर्खों और धूर्तों के अवशेष छोड़ गया है , जो जिन्ना की फ़ोटो ले कर जिन्ना के नारे , डिवाइड…
एक कहानी पैदा की गई कि हज़रत आदम को जब स्वर्ग से निकाला गया तो उन्हें श्रीलंका में उतारा गया और वे इसी पुल को पार कर मुख्य भूमि में आए । आदम चूँकि पाश्चात्य धर्मों के मुताबिक़ सृष्टि के आदि…