मैंने रानी मुखर्जी को अपनी आँखों से देखा है!
मैं उन्हें निहारता रहा। मेरे भीतर गूँजा- "हँसती रहे तू हँसती रहे, हया की लाली खिलती रहे!" और तब, मैंने मन ही मन ख़ुद से कहा- जैसे कि मुझे इस बात पर गर्व हो- कि मैंने रानी मुखर्जी को अपनी…
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