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#editorial#shankracharya

तत्त्वबोध’ को वेदान्त की प्रवेशिका क्यों माना गया है?

तत्त्वबोध' का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग वह है, जहां शंकर ने तीन शरीरों (स्थूल, सूक्ष्म, कारण) और तीन अवस्थाओं (जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति) की बात की है और तीनों शरीरों का तीनों अवस्थाओं से सम्बंध…