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#editorial

कुल 543 में 99 अंक लाने वाले को कुछ लोग चैम्पियन क्यों समझ रहे हैं ?

हार हुई है केवल यूपी में। पर वहाँ भी बीमारी इतनी बड़ी नहीं है कि इलाज न हो सके। बस एक छोटा सा ओपरेशन करना पड़ेगा, और सब ठीक हो जाएगा। और वे बहुत आसानी से कर भी लेंगे। जानते हैं कैसे? सटासट,…

अयोध्याजी के सन्देश को अपमान मत समझिये।

अयोध्याजी की हार इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, कि दस सीटों की पराजय भी आपको उतना विचलित नहीं करती, जितना यह चोट कर रही है। आप इसपर 5 साल सोचते रहेंगे, और यही आपके लिए सुखद होगा। 400 तक पहुँचने के…

जिस की पताका ऊपर फहराई

आरक्षण भक्षण प्रेमी लोगों के आरक्षण खत्म हो जाने के भय की मार्केटिंग और साढ़े आठ हज़ार रुपए महीने की मुफ़्तख़ोरी की लालसा में लोगों ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को कुचल कर रख दिया। बंग्लादेशी और…

गाँधी ने किसी को अंग्रेजों के विरूद्ध सशस्त्र क्रांति करने से रोका था क्या?

निस्संदेह देश की आज़ादी में लाखों करोड़ों लोगों का सहयोग रहा लेकिन श्रेय लीडर को ही मिलता है । वह लोगों के पुरुषार्थ को सही दिशा में ले जाता है । गाँधी के सत्याग्रह को अपना कर ही मार्टिन…

इस एंटी मोदी स्क्वॉड के क्या कहने !

एंटी मोदी स्क्वॉड की एक और तकलीफ़ अभी सामने आई है चुनाव प्रचार ख़त्म होने के बाद कन्याकुमारी में विवेकानंद मेमोरियल में मोदी के ध्यान की। एंटी मोदी स्क्वॉड के कबीले के सारे सूबेदार एक सुर में…

क्या होता यदि सुभाष चंद्र बोस भारत में जीवित लौट आते?

Positive India:Rajkamal Goswami: सन ४५ में विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद आज़ाद हिंद फ़ौज के बहुत से सैनिक भारत वापस आ गये । साधारण सैनिकों को तो अंग्रेजों ने कुछ नहीं कहा और वे चुपचाप अपने…

छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर अंतिम लड़ाई, क्या बस्तर में रुक पाएगी हिंसा?

यह बहुत स्पष्ट है कि केंद्र व राज्य सरकार ने नक्सलवाद व नक्सलियों के खात्मे का पक्का बंदोबस्त कर लिया है।

यह पुरुष प्रधान समाज स्त्रियों के लिए तेज़ाब की नदी है

स्त्रियों को अपना अस्तित्व , अपनी आज़ादी , अपना स्वाभिमान खुद तय करना होगा । स्त्री अभी भी पुरुष के बिना पतवार की नाव समझी जाती है । यह देवी रूप आदि भी बेमतलब का दिखावा है । यत्र नार्यस्तु…

संविधान तो बदलेगा और उस में सरकार जेल से नहीं चलाने की बात लिखी जाएगी

जो आदमी कश्मीर का कोढ़ 370 हटा सकता है , कश्मीर को फिर से ज़न्नत बना सकता है। देश को आतंक मुक्त बना सकता है। अयोध्या में सकुशल राम मंदिर बनवा सकता है। विकास की चांदनी में देश को नहला सकता है…

शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की बढ़ती सीमाएं अचानक सिकुड़ने क्यों लगी…

Positive India: Sarvesh Kumar Tiwari: सन 1680 ई में शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की बढ़ती सीमाएं अचानक सिकुड़ने लगी थीं। ऐसा अनायास ही नहीं था, उस महान चामत्कारिक व्यक्तित्व…