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#editorial

हिंदी लेखकों और पत्रकारों के साथ घटतौली की अनंत कथा

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा भले न हो बाज़ार की सब से बड़ी भाषा है इस दुनिया में। हिंदी से ज़्यादा न सिनेमा बनता है, न धारावाहिक, न अखबार हैं हिंदी से ज़्यादा, न हिंदी से ज़्यादा किताबें छपती हैं…

आपको जानना चाहिए भारत में पाए जाने वाले विविध प्रकार के भूतों के बारे में

चुड़ैल! यह स्त्री भूत है। यह बहुत बदमाश होती है। एकदम स्वरा... छत पर या खेत में अकेले सोये लोगों के पास सुन्दर रूप धर के आती है।

कुतुब मीनार किसी कुतुबुद्दीन का बनवाया हुआ नहीं है

सल्तनत काल में भारत की आत्मा पर बहुत प्रहार हुआ है, और हर प्रहार का चिन्ह भारत की छाती पर अब भी दिखता है। जाने कब ये चिन्ह मिटेंगे।

अम्बानी की अति विलासितापूर्ण शादी देखकर मुझे अपने विवाह की याद क्यों आ रही है?

मैंने अपनी शादी गांधीवादी शैली में चंद हज़ार रुपयों में सम्पन्न कर लिया था! यही कोई ३० हज़ार का खर्च हुआ होगा!

मात्र सत्रह वर्ष की आयु में अंग्रेजी सरकार ने आजाद को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर इनाम…

अमर रहिये तिवारी जी! इस राष्ट्र को आप जैसे युवकों की आवश्यकता सदैव रहेगी... आपके जन्मदिन पर आपको नमन!

दुकानदारों को अपनी पहचान छिपाने का हक देना सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर सही माना है?

भारतीय मुसलमान राजनीति का शिकार हुआ है या भारतीय राजनीति मुसलमानों की शिकार होकर रह गई है, शिक्षण संस्थानों में जो मुसलमान बुर्के की वकालत करते हैं कि हमारी महिलाएं अपनी पहचान यानी बुर्का…