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2 जनवरी 1492 को स्पेन में 780 बरस पुराने इस्लामी शासन का अंत हुआ था

Positive India: Rajkamal Goswami: २ जनवरी १४९२ को स्पेन में ७८० बरस पुराने इस्लामी शासन का अंत हुआ । पेटिंग में आख़िरी मूर अमारात ग्रैनेडा का सुलतान बोबडिल अंतिम बार अपने जन्म स्थान को…

ये वही घर है जहां से पाकिस्तानी आतंक से भयभीत हो कर मनमोहन सिंह साहब के परिवार को…

जिस आतंक से भयभीत हो कर सिंह साहब के परिवार को अपनी मिट्टी छोड़ कर भागना पड़ा, उसी आतंक के साये में जी रहे शेष सिक्खों, हिंदुओं की उन्हें एक बार भी याद नहीं आयी?

डॉ मनमोहन सिंह की बेसाख़्ता याद हमें उनके बारे में कम, अपने बारे में ज़्यादह बताती…

मनमोहन ने कहा था इतिहास उनके प्रति उदारता दिखाएगा, और यह हो रहा है। उनके अवसान पर चतुर्दिक् आदरांजलियाँ हैं। और वे आदरांजलियाँ थोपी हुई नहीं, स्वत:स्फूर्त है। उसमें एक किस्म का नॉस्टेल्जिया…

सूरदास सदैव भावुक कर देते हैं, आश्चर्य में डाल देते हैं।

सूरदास जन्मांध थे। समाज में अंधे सबसे निरीह प्राणी समझे जाते हैं। पर वह अंधा जानता था कि "कौन है जो अंधों को भी भवसागर के पार उतारता है।"

पाकिस्तान एक देश का नहीं, बर्बर मानसिकता का नाम है।

1947 में हुए बटवारे के समय खैबर पख्तूनख्वा के मूल निवासी हरिकिशन तलवार तथा उनके परिवार परिवार को भी पाकिस्तान में जगह नहीं मिली। उन्हें भी भाग कर भारत आना पड़ा। पाकिस्तान एक देश का नहीं,…

भारत में मुसलमानों के पक्ष में बैटिंग करने के लिए कोई न कोई हिन्दू ही उनके लिए घोड़ी…

यह भारत का दुर्भाग्य है कि मुसलमानों के पक्ष में बैटिंग करने के लिए मुसलमानों को आने की जरूरत ही नहीं पड़ती,

एक तरफ अतुल सुभाष की क्रूर पत्नी तो दूसरी तरफ़ कैंसर से जूझते विवेक पंगेनी की पत्नी…

विवेक का स्वास्थ्य गिरता गया, पर पत्नी का समर्पण बढ़ता गया। अमेरिका से पीएचडी कर चुकी लड़की पिछले कुछ वर्षों से सबकुछ छोड़ कर पति की सेवा ही करती रही है।

संसद में आम्बेडकर को लेकर चल रही फ़र्ज़ी खींचतान बहुत मनोरंजक है।

बँटेंगे तो कटेंगे का नारा वास्तव में सवर्ण हिन्दुओं के लिए उतना नहीं है, जितना कि वह ​बहुजनों के लिए है कि हमारे साथ रहो तो सुरक्षित रहोगे। जबकि कांग्रेस चाहती है कि धर्म ने जिनको जोड़ा है,…

गगन गिल को साहित्य अकादमी मिलने पर सदमे में आए कुछ लोग

नरेंद्र मोदी और साहित्य अकादमी को ले कर प्रतिरोध के परखच्चे उड़ गए हैं। बिखर कर मिट्टी में मिल गए हैं। विरोध की सारी नौटंकी स्वाहा हो गई है।