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#editorial

कुछ बाते कभी भूली नहीं जानी चाहिए

Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari: हमें याद रहना चाहिए कि सन 1528 में एक क्रूर, असभ्य, अभद्र आतंकवादी ने अयोध्या में महाराज विजयचन्द( कन्नौज नरेश जयचंद के पिता! मन्दिर जयचन्द की…

अब दिल्ली की चुनौती

दिल्ली चुनाव के संदर्भ में सबसे खराब स्थिति कांग्रेस की रही है. हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में भी भीषण पराजय से दिल्ली पुन: दूर नज़र आने लगी है ।

स्मिता पाटिल अपनी कई फ़िल्मों की अन्तिम फ्रेम में वे अकेली ही खड़ी नज़र आती हैं!

रुपहला सौंदर्य, गौर वर्ण और प्रचलित नैन-नक़्श स्मिता के पास नहीं, लेकिन एक सँवलाया हुआ-सा खिंचाव है, क़शिश है, लगभग आत्मघाती आकर्षण है।

बड़े भाई साहब:ख्यातनाम पत्रकार व कवि श्री ललित सुरजन जी की चौथी पुण्य तिथि पर विशेष…

क्या कारण है कि ललित जी जैसा समर्थ पत्रकार कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति नहीं बन सका जबकि उसकी स्थापना हुए पन्द्रह वर्ष बीत चुके हैं। देश के बहुत बडे कवि व उपन्यासकार…

पालक का साग सुंदर होता है, “लह-लह पालक, मह-मह धनिया”

पालक में खनिज पाया जाता है। किंतु पालक तो अभ्रक जैसा पदार्थ नहीं। बचपन में हम सुनते थे कि पालक में बहुत लोहा होता है। किंतु पालक का साग कितना तो कोमल!

चुपके-चुपके चल गया भाजपा का दांव

महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री तय है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 27 नवंबर को स्वीकार कर लिया कि उन्हें महाराष्ट्र में नये नेतृत्व के संबंध में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व…

बांग्लादेश में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास की मांग है कि हिंदुओं को प्रताड़ित न किया…

चिन्मय दास की तस्वीर हर हिन्दू की फेसबुक वाल पर होनी चाहिये। यदि हम उनके लिए और कुछ नहीं कर पा रहे तो कम से कम इतना ही सही...

देश को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जैसे सैकड़ों धर्मनिष्ठ नायकों की आवश्यकता है

भारत का सांस्कृतिक पतन चाहने वाली विदेशी शक्तियां" भी जिस समाज के विरुद्ध सैकड़ों वर्षों से विषवमन करती रही हैं , उस समाज का एक नवयुवक अल्पायु में ही करोड़ों लोगों का नायक बना हुआ है। यह धर्म…

आज तक के कार्यक्रम में साहित्य धूमिल की पटकथा की बाल्टी वाली ‘आग’ है , भीतर तो उर्फी…

जब पोर्न स्टार मिया ख़लीफ़ा किसान आंदोलन में कूद सकती हैं तो साहित्य आज तक मे उर्फी जावेद से क्या दिक़्क़त है भला ?