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#editorial

राजीव गांधी की जीत को मात देती नरेंद्र मोदी की हाहाकारी जीत

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग जब हिंदू-मुसलमान और जाति-पाति के आचार्य जब थे , तब थे। अब इस का आचार्यत्व नरेंद्र मोदी के पास है। इसी लिए अनुमान से कहीं अधिक हाहाकारी जीत होने जा रही…

मणिशंकर अय्यर की बुद्धि क्या भ्रष्ट हो गई है ?

पाकिस्तान की इज़्ज़त करो उसके पास एटम बम है । मणिशंकर अय्यर की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है । हमारे पास सन ७४ से बम है तो पाकिस्तान ने कभी हमारी इज़्ज़त की ?

हमारे समाज के लेखक का कबीर आख़िर कहां गुम हो गया है ?

हमारे लेखकों ने अपने कबीर को सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की तरह अपने लालच , स्वार्थ और दंभ में मार डाला है । कबीर को मार कर अपने को नफ़रत और जहर का केंद्र बना लिया है । ज़रुरत अपने कबीर को…

हल्दीघाटी का युद्ध! प्रताप अब भी जी रहे हैं। वे हमेशा जिएंगे…

Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari: हल्दीघाटी का युद्ध! हर क्षण कुछ शीश कट कर भूमि पर गिर रहे थे। युद्धभूमि की मिट्टी रक्त से भीग कर कींचड़ हो गयी थी। इस कीचड़ में जब घोड़ों के पैर पड़ते तो…

परित्यक्तों की पृथ्वी

कृष्ण की कथा इसमें सबसे रुचिकर है। कृष्ण से बड़ा निस्संग कौन हुआ? रण में, वन में, भवन में, भुवन में, प्रणय में, कलह में- वे एकाकी ही हैं, ठीक वैसे, जैसे कोई विराट-रूप सर्वथा असंग होता है।

हिंदू-मुसलमान का आइस-पाइस , आरक्षण की मलाई और चुनाव के मायने

संविधान की आड़ में , संविधान को बचाने का शोर भी यही नफ़रती तत्व सब से ज़्यादा करते हैं। संविधान तोड़ते रहते हैं , संविधान बचाने का टोटका करते रहते हैं। वह चाहते तो शरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ ही हैं…

जयचंद और मानसिंह को लेकर ताने देना क्यों बंद करना चाहिए?

राजपूतों की सहनशीलता और क्षमाशीलता की प्रशंसा करनी चाहिए। आज scst का कोई व्यक्ति थानेदार भी बनता है तो रात को रंडियां नचवाता है जबकि वे किलों और हवेलियों के स्वामी भी शाम को कंठी माला लेकर…

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्ट हो कर एकपक्षीय , एजेंडाधारी , अराजक और विषैला होना बहुत बुरी बात है । सभी लोग इस तत्व से चिढ़ते हैं । उन की हिप्पोक्रेसी से चिढ़ते हैं ।

“जिसकी कमर टूट गयी हो, उसकी गर्दन कोई भी तोड़ सकता है।”-पेशवा बाजीराव

किसी ने पूछा पेशवा से, "अब?" उसने मुस्कुरा कर कहा- दिल्ली देखने आये थे, सो देख लिया। इसे तो जब चाहें तब जीत लेंगे। चलो वापस, दिल्ली की कमर टूट गयी है। जिसकी कमर टूट गयी हो, उसकी गर्दन कोई भी…

व्यापारी राजनीति का मौसम विज्ञान भी ख़ूब जानते हैं

अंबानी बंधु का मूल मकसद तब मुलायम को प्रधान मंत्री बनाना था और अंबानी बंधु मूल मकसद पानी में डाल कर अपने व्यावसायिक मकसद साधने निकल गए। सुबह साढ़े आठ बजे तक बहुत मामूली रुझान आते हैं ,…