देश का मिजाज बदल रहा है और उस मिजाज से जुड़ी परिभाषाएं भी…
वह दिन हवा हुए जब....मुंह में राम बगल में छुरी रखे मालेच्छ और उनके संबंधी सेकुलर कीटाणु स्टार डम की 1मलाई आरोगते थे और इसी प्रजा को धात्ता बता कर छद्म सेकुलरिज्म के चूर्ण की पुड़िया चबाते…