समीक्षा तो पहले आदिपुरुष की भर्त्सना पर होनी चाहिए।
फिल्म आदिपुरुष रामायण नहीं है और एक कमर्शियल फिल्म है। डायलॉग्स और पात्र को छोड़ दें तो ऐसी किसी कमर्शियल फिल्म में सनातन निष्ठा की दो बातें डाल देना एक तरह से नैरेटिव को मजबूत करना कहा जाता…