8,20,600 seed mini-kits, consisting of seeds of high yielding varieties of productivity more than 20 quintals per hectare, for distribution in 343 identified districts of 15 states.
मंडी परिषद के एकाधिकार का परिणाम यह निकला कि जो उत्पाद किसानों से दो-तीन रुपए किलो लिया जाता है, वही उत्पाद ग्राहकों को 40 से 50 रुपये किलो पड़ता है। बीच का अगर सात-आठ रुपए प्रति किलो…
कृषि सुधार के नाम पर ‘एक देश, एक बाजार’ किसानों के जले पर निमक छिड़कने जैसा है.
सरकार आत्मघाती अधिनियम बनाकर किसानों हाथ पैर बांधकर कारपोरेट के सामने परोसने की कोशिश कर रही है ।