हिंदुत्व को मजबूत करना केवल हिंदु के भले का विचार क्यो नही?
जिस तरह पुरुषत्व के बगैर पुरुष नपुंसक माना जाता है, उसी तरहा हिंदुत्व के विचारों से विहीन हिंदु भी परिवार के लिए टोंटी तो चुरा सकता है लेकिन देश या समाज के लिए हितकारी नहीं हो सकता ।