तुलसीदास ने साबित कर दिया कि कलम की ताक़त तलवार सें कहीं अधिक होती है
उस युग में जब प्रचार प्रसार के साधन नहीं थे तब तुलसी की मानस घर घर पहुँच गई । इसकी चौपाइयाँ दोहे छंद मंत्र बन कर दैनिक पूजा का अंग हो गए।
तलवार की धार तले रौंदा जाता सनातन धर्म फिर सीना तान…