गुरु और गोविन्द।
आदि शंकराचार्य के सम्मुख 'गुरु-गोविन्द दोउ खड़े' वाली कोई दुविधा नहीं थी! वे गोविन्द (श्रीकृष्ण) के उपासक थे और उनके गुरु का नाम भी गोविन्द ही था। वे एक ही पद में यमक या…
फ़िल्म 'आदि शङ्कराचार्य' ने भी 1983 के राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ छायांकन और सर्वश्रेष्ठ ध्वनिमुद्रण के पुरस्कार जीते थे। चार-चार…
तत्त्वबोध' का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग वह है, जहां शंकर ने तीन शरीरों (स्थूल, सूक्ष्म, कारण) और तीन अवस्थाओं (जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति) की बात की है और तीनों शरीरों का तीनों अवस्थाओं से सम्बंध…
काशी विश्वनाथ मंदिर भग्न करते समय जो सबूत छोड़े गए जैसे पुराने मंदिर की दीवार पर ही गुंबद खड़ा कर देना, नंदी की मूर्ति अक्षुण्ण रहना और ज्ञानवापी में भग्न मंदिर के अवशेष और अब वजू करने की…