आख़िर वुजू के बिना नमाज होती कैसे है सड़क या सार्वजनिक जगह पर ?
सड़क या सार्वजनिक जगह पर नमाज से क्या भाई-चारा खंडित नहीं होता। यह भी सामजिक अध्ययन का विषय है। यह समस्या अब गंभीर होती जा रही है। तभी कह रहा हूं कि इस विषय पर सामाजिक अध्ययन की ज़रुरत है।