भगवान राम का चरित्र ईश्वर के लिए भी अनुकरणीय है। कृष्णावतार में बचपन से कृष्ण को अवतारी होने का भान रहता है, परंतु रामावतार में भगवान ने जो भी किया एक सामान्य मानव द्वारा जो किया जा सकने…
इसमें क्या ग़लत है ? जातिप्रथा तो थी ही उस समाज में लेकिन ब्राह्मण गुरु ने शूद्र को न केवल शिष्य के रूप में अपनाया उसे विद्या प्रदान की उसके कल्याण के लिए भगवान शिव से कातरता पूर्ण प्रार्थना…
कबीर से बेहतर सेक्युलरवाद की परिकल्पना संविधान में भी नहीं है। संविधान तो सेक्युलरवाद के नाम पर अलग अलग कोष्ठकों में धर्मगति को नियंत्रित करता है। कबीर मुफलिस थे अर्थात आत्मा के निद्र्वन्द्व…