विकास दिव्यकीर्ति ने माता सीता की तुलना अधम पशु के जूठन से क्यो की?
विकास दिव्यकीर्ति बिना लाग लपेट के बड़े स्पष्ट शब्दों में हंस करके, भगवान राम के शब्दों के रूप में कोट करके, देवी सीता के खिलाफ पंक्तियां बोलते हैं। कितना ग्लानिजनक है यह सब कुछ, सनातन समाज…