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लेखक

हिंदी लेखकों और पत्रकारों के साथ घटतौली की अनंत कथा

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा भले न हो बाज़ार की सब से बड़ी भाषा है इस दुनिया में। हिंदी से ज़्यादा न सिनेमा बनता है, न धारावाहिक, न अखबार हैं हिंदी से ज़्यादा, न हिंदी से ज़्यादा किताबें छपती हैं…

फ़ेसबुक पर ढपोरसंखी लेखकों की कम होती रीच का तराना और उन की फटी ढोल

ढपोरसंखी लेखक हैं जो अपने से असहमत लोगों को अनफ्रेंड कर देते हैं। ब्लाक कर देते हैं। फिर भी फ़ेसबुक पर , फ़ेसबुक के ही ख़िलाफ़ मुनादी करते फिरते हैं कि उन की रीच कम कर दी गई है।। यह फ़ेसबुक की…

हमारे समाज के लेखक का कबीर आख़िर कहां गुम हो गया है ?

हमारे लेखकों ने अपने कबीर को सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की तरह अपने लालच , स्वार्थ और दंभ में मार डाला है । कबीर को मार कर अपने को नफ़रत और जहर का केंद्र बना लिया है । ज़रुरत अपने कबीर को…

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्ट हो कर एकपक्षीय , एजेंडाधारी , अराजक और विषैला होना बहुत बुरी बात है । सभी लोग इस तत्व से चिढ़ते हैं । उन की हिप्पोक्रेसी से चिढ़ते हैं ।

हमारे समाज के लेखक का कबीर आख़िर कहां गुम हो गया है ?

तो क्या बहुतायत देशवासी भाजपाई और संघी हो गए हैं ? हो गए हैं तो क्यों हो गए हैं ? इन लेखकों को क्या इस पर विचार नहीं करना चाहिए । जैसा कि हर असहमत को इन के द्वारा भाजपाई , संघी कहने से लगता…

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्टों के अलोकप्रिय होने में यह एक बड़ा कारण है । वामपंथियों में एक बात कामन है । वह है विचारधारा के प्रति कट्टरता। यह भी कि धार भले कुंद हो जाए पर लीक नहीं छोड़ेंगे ।

लेखक ,लेखिका और पत्रकार लिव इन रिलेशनशिप को लीचड़ और गलीज परम्परा क्यों करार देते…

लेखक बोलने के लिए जाने जाते हैं। कोई उनका गमछा छू देता है तो आंदोलन कर देते हैं। उनकी बाइक के आगे गड्ढा आ जाता है तो वहीं गमछा बिछा कर आंदोलन पर बैठ जाते हैं। और जब आपके ऊपर इतना बड़ा आरोप…

एनजीओ चलाने वाले अधिकांश वामपंथी लेखक ऐक्टिविस्ट क्यो बन गए?

कभी मानव संसाधन मंत्री रहे अर्जुन सिंह ने इन लोगों के एन जी ओ को विपुल धनराशि दे-दे कर इन की आदतें बिगाड़ दीं । मनबढ़ बना दिया। कहूं कि अपना कुत्ता बना लिया। यह एन जी ओ अनुदान का काकस मोदी राज…

भारत अपने सार्वभौमिक एकता के दर्शन के द्वारा दुनिया को रास्ता दिखा सकता है:…

उपराष्ट्रपति ने श्री नारायण गुरुदेव- 'आधुनिक भारत के सबसे प्रभावशाली संतों में से एक' को श्रद्धांजलि अर्पित की