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राहुल गांधी

संसद में आम्बेडकर को लेकर चल रही फ़र्ज़ी खींचतान बहुत मनोरंजक है।

बँटेंगे तो कटेंगे का नारा वास्तव में सवर्ण हिन्दुओं के लिए उतना नहीं है, जितना कि वह ​बहुजनों के लिए है कि हमारे साथ रहो तो सुरक्षित रहोगे। जबकि कांग्रेस चाहती है कि धर्म ने जिनको जोड़ा है,…

क्या भाजपा का थिंक टैंक पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुका है?

भारतीय संविधान की जो छीछालेदर कांग्रेस ने ४२वें संशोधन में की थी उसका असर आज तक संविधान के ऊपर से गया नहीं है मगर फिर भी २०२४ में कांग्रेस ने संविधान बचाने को मुद्दा बना कर भाजपा के सर पर…

राहुल गांधी ने क्यों कहा कि जो लोग ख़ुद को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा और नफ़रत फैला…

राहुल ने ये भी कहा कि "आप हिन्दू हो ही नहीं..."- अब राहुल गांधी देश को यह भी बताएँगे कि कौन हिन्दू है और कौन नहीं? और उनकी दृष्टि में हिन्दू होने की परिभाषा क्या है?

नया अध्यक्ष कौन ? भूपेश बघेल?

भूपेश बघेल ने विपक्ष में रहते हुए अपने नेतृत्व से कांग्रेस संगठन को मजबूती दी लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद न केवल उनमें वरन छुटभैये नेताओं के भी आचरण में सत्ता के अहंकार का जो विष फैला उससे…

अराजक महावत किसी हाथी को जब मिल जाता है

हर महीने 8500 रुपए की लालच दिखा कर झंडा ऊंचा करने वाला विपक्ष नहीं जानता कि कोई अराजक महावत किसी हाथी को जब मिल जाता है तब हाथी बिना चूके महावत का काम तमाम कर देता है , क्षण भर में। आह भी…

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इमरजेंसी के निंदा प्रस्ताव पर समूची कांग्रेस गुंडई पर…

बीते दस साल में जिस अघोषित आपातकाल का ज़िक्र आप कर रहे हैं , उस में धूमिल और दुष्यंत सा कोई कवि या उस की कविता प्रतिरोध में सामने आई हो। परसाई सा कोई गद्य भी आया हो। क्यों नहीं आया ?

राजीव गांधी की जीत को मात देती नरेंद्र मोदी की हाहाकारी जीत

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग जब हिंदू-मुसलमान और जाति-पाति के आचार्य जब थे , तब थे। अब इस का आचार्यत्व नरेंद्र मोदी के पास है। इसी लिए अनुमान से कहीं अधिक हाहाकारी जीत होने जा रही…

क्या पता डिसकवरी आफ़ इंडिया की तरह कभी कोई डिसकवरी आफ़ लतीफ़ा गांधी भी लिखे

राजीव गांधी और संजय गांधी तो मुंह में चांदी का चम्मच ले कर पैदा हुए थे। लेकिन राहुल गांधी मुंह में सोने का चम्मच ले कर पैदा हुए। वह सोने का चम्मच अभी उन के मुंह से निकला नहीं है। बाक़ी सोनिया…

सियासी दलों के पावर सेंटर्स

चाहे नेहरू कालीन राजनीति हो अथवा इंदिरा गांधी या राजीव गांधी या सोनिया गांधी के वक्त की राजनीति। सबने अपने-अपने नेतृत्व को अथवा एकक्षत्र पावर सेंटर को स्थापित करने के लिए तमाम समानांतर स्टेट…