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रामचरितमानस

बाबा तुलसी के साहित्य का जातिवाद!

केवल बुराई देखने निकले लोग कहीं भी बुरा ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे लोग कल भी थे, ऐसे लोग आज भी हैं, ऐसे लोग कल भी रहेंगे। पर सुनिये- दूध में नींबू पड़ जाय तो दूध को फाड़ देता है। पर उसके बाद क्या…

तुलसीदास ने जो कर दिखाया वह बड़े बड़े सूरमा भी क्यो नहीं कर सके?

ऐसे घोर कलिकाल में राम नाम को घर घर पहुँचाना और एक सामवेद तुल्य ग्रंथ की रचना कर देना सामान्य बात नहीं थी । तुलसी की यह कृति कालजयी सिद्ध हुई । रामकाव्य तो अनेक लिखे गए पर रामचरितमानस ने…

हनुमान चालीसा के रचयिता बाबा तुलसी के सामने आक्रांता अकबर की क्या बिसात?

तुलसी राष्ट्र की सीमाओं को पार कर जापान समेत अनेक देशों के सिलेबस का हिस्सा हैं। सबसे अधिक शोधकार्य उनपर हुए हैं। इतनी लोकप्रियता क्यों मिली उनको?

कुतर्की और नफरत के शिलालेख लिखने वाले जहरीले लोगों के विमर्श में फंसने से कृपया बचें

आप जहरीले लोगों के उकसावे में आ जाते हैं। कौआ कान ले गया में फंस जाते हैं। दूसरा और महत्वपूर्ण कारण यह है कि आप इस उकसावे में यह भी भूल जाते हैं कि तुलसीदास ने रामचरित मानस हिंदी में नहीं…

श्रीरामचरित मानस को जलाने वालो का वंश समूल नष्ट होगा क्यो होगा?

याद करिये जिन्होने प्रभू के अस्तित्व से लेकर राम सेतु तक को मानने से इंकार किया था....जिन्होने भगवा आतंकवाद की कहानी गढ़ी थी....या जिसने भी हमारे अराध्य और हमारी अस्मिता पर सवाल उठाये…

लखनऊ में कौन वाली रामचरितमानस जलाई गई है!

Positive India:Bodhisatva: आज लखनऊ में तुलसीदास कृत रामचरितमानस को जलाए जाने की एक क्षोभ कारी घटना हुई है। तो उस संदर्भ में बताना है कि मेरे निजी संग्रह में गोस्वामी तुलसीदास विरचित…

रावण की स्त्रियों के बारे क्या सोच थी वह रावण की ही थी तुलसी की नहीं

नारियाँ स्वतंत्र होकर बिगड़ जाती हैं । यद्यपि यह बात तुलसीदास ने चार सौ वर्ष पहले कही थी जब युग ही दूसरा था लेकिन आज भी जिस तरह स्त्रियाँ कभी सूटकेस में कभी तंदूर में कभी प्लास्टिक बैग में…

बाबा तुलसीदास और प्रायश्चित में गरुड़ संवाद : अधम जाति मैं विद्या पाये /भयउँ जथा अहि…

इसमें क्या ग़लत है ? जातिप्रथा तो थी ही उस समाज में लेकिन ब्राह्मण गुरु ने शूद्र को न केवल शिष्य के रूप में अपनाया उसे विद्या प्रदान की उसके कल्याण के लिए भगवान शिव से कातरता पूर्ण प्रार्थना…

कुतर्की और नफरत के शिलालेख लिखने वाले जहरीले लोगों के विमर्श में फंसने से क्यों बचना…

स्त्री पुरुष दोनों को बराबरी में बिठाते मिलते हैं तुलसीदास रामचरित मानस में। आप को पूछना ही चाहिए , पूछते ही हैं लोग फिर ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी । सकल ताड़ना के अधिकारी॥ लिखने की ज़रूरत…

क्या वाकई कोरोना ईश्वरीय अवतार है?

आज कोरोना वायरस उन जानवरों के लिए, ईश्वर के अवतार से कम नहीं है । एक कोरोना ने तुम्हें तुम्हारी (स्थिति) औकात बता दी । घर में घुस के मारा है तुम्हें । और मार रहा है। जब से इस वायरस ने…