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राम

जैसे तब सब राममय था, वैसे अब भी सब राममय है।

"यह कौन सा रूप धारण कर लिया देव? मैंने पुत्र मांगा था, ईश्वर नहीं। मुझे आपको गोद में खिलाना है। आपकी किलकारियों पर मोहित होना है, आपकी चञ्चलता पर मुग्ध होना है। आपको रोते हुए देखना है, आपको…

विपक्षियों की रुदन गाथा एक काल्पनिक कथा है जिसका सत्य से…

Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari: रुदन गाथा... लंका में रावण युग का अंत हो चुका था। सारे राक्षस मारे जा चुके थे। नगर के अंदर राक्षसियां विलाप कर रही थीं, और बाहर युद्धक्षेत्र में सियार।…

सारा जगत् ही सीता राम मय क्यो हो गया है ?

सनातन धर्म सही अर्थों में एकेश्वरवादी धर्म है । सारा जगत् ही सीता राम मय है । हमारा राम सातवें आसमान में नहीं बैठता वह तो रोम रोम में रमनेवाला राम है । उसकी मूर्ति से अधिक फलप्रद तो उसका नाम…

चिरयौवना अयोध्या की अधिष्ठात्री देवी अयोध्या को प्रणाम कीजिए !

अयोध्या है कौन जिस के नाम पर यह नगर अयोध्या बसा? नहीं जानते तो पढ़िए कभी कालिदास लिखित रघुवंशम् । तो पता चलेगा कि अयोध्या एक स्त्री का नाम है।

चंदखुरी के फुटहा मंदिर के खंडहरों की खामोशियों को सुनिए। वे राम कथा सुनाती हैं

फुटहा मंदिर आठवीं शताब्दी का है, और तुलसीदास जी यही कोई 500 बरस हुए। फुटहा मंदिर में राम कथा के प्रसंग उत्कीर्ण हैं। अर्थ यह हुआ कि तब लोग न केवल राम को जानते थे, बल्कि रामकथा भी जानते थे।

कैसे आते हैं श्रीराम!

Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari: उस घने वन में एक ओर सीधे सादे भीलों की बस्तियां होतीं थीं, तो दूसरी ओर तपस्वी ऋषियों के आश्रम! प्रकृति द्वारा निर्मित व्यवस्था के अनुसार जीवन यापन…

हर वर्ष रावण का पुतला जलाने की क्या आवश्यकता है?

बिल्कुल आवश्यकता है। बल्कि यह आवश्यकता सदैव रहेगी। क्या अब भेष बदल कर लड़कियों के साथ छल करने वाले रावण नहीं है धरती पर? गृहस्थों की गृहस्थी तबाह करने वाली सूर्पनखाएँ नहीं क्या? सज्जन दिखने…