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यादे

बंद है मुट्ठी लाख की, खुली जो प्यारे खा़क की।

मैं मुट्ठी बंद करता हूं तो उसके अंदर जीवन नहीं यादें घुस जाती हैं । मैं यादों को भींच रहा हूं । उनसे अलग नहीं हो पाता हूं क्योंकि मुट्ठी चाहने पर भी खुल नहीं रही है। बंद है मुट्ठी लाख की…

संस्मरण”सोनम”… एक बच्ची की अपने भविष्य के लिए पढ़ाई की धुन

Positive India: By Dr.Sanjay Srivastva: संस्मरण"सोनम"...ये संस्मरण है एक बच्ची की अपने भविष्य के लिए पढ़ाई की धुन का..सोनम परिवर्तित नाम है..उसकी लगन देख कर बहुत ज्यादा भला प्रतीत हुआ था..…