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मुक्तिबोध

जीवित रहते दुर्भाग्यशाली और जीवन के बाद सौभाग्यशाली होने की अजीब विडंबना मुक्तिबोध ने…

Positive India:Jai Prakash: दुर्भाग्य ने मुक्तिबोध का पीछा अंत तक नहीं छोड़ा। वह भोपाल के हमीदिया अस्पताल और दिल्ली के एम्स में करीब छह महीने तक भर्ती रहे। बचाने की तमाम कोशिशें डाक्टरों…

हाय ! हम क्यों न हुए खुशवंत !

नेहरु आते ही हवाई अड्डे से सीधे बिना किसी शेड्यूल के लेडी माउंटबेटन से मिलने चले जाते हैं। लेडी माउंटबेटन गाऊन मे ही उन का दरवाज़े पर वेलकम करती हैं। एक लंबे आलिंगन और चुंबन के साथ। छुपे हुए…