Editorial किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं positive india Apr 27, 2024 0 कम्युनिस्ट हो कर एकपक्षीय , एजेंडाधारी , अराजक और विषैला होना बहुत बुरी बात है । सभी लोग इस तत्व से चिढ़ते हैं । उन की हिप्पोक्रेसी से चिढ़ते हैं ।
Editorial मार्क्सवादी दास कैपिटल को बंगाल की खाड़ी में बहा चुके हैं positive india May 23, 2021 0 मार्क्सवादी कहे जाने वाले ट्रेड यूनियन के सारे नेता बहुत पहले दलाल बन गए।